Apr 21 2025 / 4:46 AM

फैसले को जय पराजय की नजर से नहीं देखना चाहिए: भागवत

नई दिल्ली। अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की बेंच ने शनिवार को फैसला सुनाया। पीठ ने कहा- विवादित जमीन पर राम मंदिर का निर्माण होगा। मुस्लिम पक्ष को मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ भूमि अलग से दी जाएगी। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मीडिया को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया।

भागवत ने कहा, आरएसएस इस फैसले का स्वागत करता है। धैर्य से इस मामले की सुनवाई करने वाले सभी जजों का हम अभिनंदन करते हैं। फैसला स्वीकार करने की स्थिति और भाईचारा बनाए रखने के लिए सभी लोगों के प्रयासों का स्वागत करते हैं।

भागवत ने कहा, फैसले को जय पराजय की नजर से नहीं देखना चाहिए। देशवासियों से अनुरोध है कि संयमित तरीके से अपनी भावनाएं व्यक्त करें। अतीत की सभी बातों को भुलाकर राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण करें। भारत के नागरिक भारत के नागरिक हैं, किसी हिंदू या मुस्लिम के लिए हमारे अलग संदेश नहीं होते हैं। संघ आंदोलन करने वाला संगठन नहीं है।

बता दें कि संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं। संविधान पीठ ने अपने 1045 पन्नों के फैसले में कहा कि मस्जिद का निर्माण प्रमुख स्थल पर किया जाना चाहिए और उस स्थान पर मंदिर निर्माण के लिये तीन महीने के भीतर एक ट्रस्ट गठित किया जाना चाहिए जिसके प्रति हिन्दुओं की यह आस्था है कि भगवान राम का जन्म यहीं हुआ था।

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