Apr 22 2025 / 9:38 AM

अयोध्या विवाद: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगा मुस्लिम लॉ बोर्ड

लखनऊ। अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर करने का ऐलान करते हुए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि हमें बाबरी मस्जिद के बदले 5 एकड़ की जमीन मंजूर नहीं है। लखनऊ में पर्सनल लॉ बोर्ड ने मीटिंग के बाद मीडिया से बात करते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कई बिंदुओं पर सवाल उठाए।

बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना राबे हसन नदवी की अध्यक्षता में हुई इस मीटिंग के बाद बोर्ड ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे। हमें दूसरी जगह दिया जाना मंजूर नहीं है।

पर्सनल लॉ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा, शरई वजहों से दूसरी जगह पर मस्जिद की जमीन कबूल नहीं करेंगे। हमें वही जमीन चाहिए, जिसके लिए लड़ाई लड़ी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कई अंतर्विरोध हैं। जब बाहर से लाकर मूर्ति रखी गई तो उन्हें देवता कैसे मान लिया गया? जन्मस्थान को न्यायिक व्यक्ति नहीं माना जा सकता। गुंबद के नीचे जन्मस्थान का प्रमाण नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि वहां नमाज पढ़ी जाती थी। हमें 5 एकड़ जमीन नहीं चाहिए।

जिलानी ने यह भी कहा कि अयोध्या में 27 मस्जिद हैं। बात मस्जिद की नहीं है। जमीन के हक पर लड़ाई है। 30 दिन के अंदर रिव्यू फाइल करना होता है, जिसे हम कर देंगे। बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी पर जिला प्रशासन और पुलिस दबाव डाल रही है। हाजी महबूब की भी सहमति मिली है।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि हमें मालूम है कि याचिका 100% खारिज हो जाएगी। इसके बावजूद हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे। यह हमारा हक है। वहीं, सुन्नी वक्फ बोर्ड और मामले के पक्षकार इकबाल अंसारी ने बैठक का बहिष्कार किया।

बतादें कि सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को विवादित जमीन पर राम मंदिर बनाने और अयोध्या के किसी प्रमुख स्थान पर मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था। यह भी कहा था, मंदिर निर्माण के लिए तीन महीने के भीतर केंद्र सरकार ट्रस्ट बनाए।

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