Apr 22 2025 / 9:35 AM

भाजपा ने चोरी-छिपे सरकार बनाकर संविधान की धज्जियां उड़ाई: कांग्रेस

मुंबई। कांग्रेस ने महाराष्ट्र में नाटकीय घटनाक्रम में फणनवीस सरकार के गठन की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चोरी-छिपे सरकार बनाकर संविधान की धज्जियां उड़ाई हैं और ‘बेशर्मी की इंतहा’ पार की है लेकिन विधानसभा में विश्वासमत के दौरान उसे शिकस्त दी जाएगी।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) तथा शिव सेना के साथ गठबंधन सरकार के लिए प्रक्रिया पूरी करने के वास्ते अधिकृत पार्टी नेता अहमद पटेल, के सी वेणुगोपाल तथा मल्लिकार्जुन खडगे ने शनिवार को यहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य में जिस तरह से सरकार का गठन किया गया है, पार्टी उसकी कड़ी निंदा करती है और विश्वास प्रस्ताव में राकांपा तथा शिव सेना के साथ मिलकर उसे शिकस्त दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि आज सुबह-सुबह श्री देवेंद्र फणवनीस को बिना बैंड, बाजा के बारात की तरह मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गयी। महाराष्ट्र के इतिहास में शायद पहले ऐसा कभी नहीं हुआ है। इस राजनीतिक घटनाक्रम को राज्य के इतिहास में काली स्याही से लिखा जाएगा। विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव आएगा तो भाजपा तथा उसका साथ देने वालों को मिलकर शिकस्त देंगे।

कांग्रेस नेताओं ने कहा, महाराष्ट्र में संविधान की धज्जियां उडाई गई हैं। हमारे सारे विधायक मजबूती के साथ पार्टी के साथ खड़े हैं। महाराष्ट्र में शिव सेना, राकांपा तथा कांग्रेस अब भी मिलकर सरकार बना सकते हैं और विश्वासमत के दौरान फणनवीस सरकार को शिकस्त देकर नयी सरकार बनाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भाजपा, राकांपा तथा शिव सेना को सरकार बनाने का मौका दिया था लेकिन कांग्रेस को मौका नहीं दिया गया। अचानक आज सुबह एक नेता को चुपचाप बुलाया गया और उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गयी है।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि इससे संविधान में आस्था रखने वाले लोगों को चोट पहुंची है। संविधान की धज्जियां उड़ाई गई हैं और शर्मनाक स्थिति पैदा की गयी। यह निदंनीय है, इससे पहले कांग्रेस ने शिव सेना तथा राकांपा के साथ सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। सभी दल सैद्धांतिक रूप से तैयार थे। कुछ मुद्दों पर शिव सेना के साथ आज चर्चा होनी थी लेकिन उससे पहले सुबह जो कुछ हुआ, उसकी आलोचना के लिए शब्द नहीं है। वह बहुत ही शर्मनाक है।

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