वक्फ कानून पर नई याचिका खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून के खिलाफ दायर एक नई याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने टिप्पणी की कि “अब हर कोई अखबारों में अपना नाम छपवाना चाहता है।” कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि इस तरह की याचिकाएं बार-बार दायर नहीं की जा सकतीं।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आपत्ति जताई कि कानून को बार-बार चुनौती देना अनुचित है। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि उन्होंने समय पर याचिका दायर की थी और रजिस्ट्री की बताई गई खामियों को भी दूर कर दिया था, लेकिन याचिका सूचीबद्ध नहीं की गई।
कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि लंबित मामलों की सुनवाई अब 20 मई को होगी और भविष्य में इसी विषय पर दायर अन्य याचिकाओं को भी खारिज कर दिया जाएगा। याचिकाकर्ता द्वारा लंबित मामलों में हस्तक्षेप की अनुमति मांगे जाने पर अदालत ने कहा कि पहले से ही कई हस्तक्षेपकर्ता शामिल हैं।
इससे पहले 17 अप्रैल की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह वक्फ कानून से संबंधित केवल पांच याचिकाओं पर विचार करेगा। केंद्र सरकार ने अदालत को आश्वस्त किया था कि वह 5 मई तक वक्फ संपत्तियों पर कोई निर्णय नहीं लेगी। इसके अलावा केंद्र ने एक विस्तृत हलफनामा दाखिल कर कानून की वैधता को सही ठहराया और याचिकाएं खारिज करने की मांग की।