‘एक भी कश्मीरी पंडित नहीं…’, सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की सूची पर विवेक तन्खा ने साधा निशाना

Operation Sindoor: पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को उजागर करने के लिए सात दलों का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेश भेजने की तैयारी की है। कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने इसमें कश्मीरी पंडितों और मध्यप्रदेश के किसी प्रतिनिधि की गैरमौजूदगी पर नाराजगी जताई है। उन्होंने सरकार पर पसंदीदा लोगों को शामिल करने का आरोप लगाया।
पहलगाम हमले के बाद भारत प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने की तैयारी कर रहा है, ताकि पाकिस्तान समर्थित आंतकवाद को उजागर किया जा सके। इस बीच, कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने इसमें कश्मीरी पंडित समुदाय के प्रतिनिधियों की गैरमौजूदगी पर आपत्ति जताई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने सात दलों के उस प्रतिनिधिमंडल में अपने पसंदीदा लोगों को ही शामिल किया है, जिसका मकसद जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान प्रयोजित आतंकवाद को उजागर करना है। उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडित एक भूली हुई प्रजाति की तरह प्रतीत होते हैं।
तन्खा ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, दुनिया के देशों में सात प्रतिनिधिमंडलों को भेजने की योजना सराहनीय है। लेकिन कुछ अपवादों को छोड़कर दुर्भाग्य से यह सरकार के पसंदीदा लोगों की एक लंबी सूची तरह लगता है। मुद्दा जम्मू-कश्मीर का है, लेकिन प्रतिनिधिमंडल में एक भी कश्मीरी पंडित नहीं है। ऐसा लगता है कि उन्हें भुला दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह चिंता की बात है कि कश्मीरी पंडित न तो प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की सूची में हैं, और न ही लोकसभा नेता विपक्ष राहुल गांधी की ओर से भेजे गए चार नामों में। देशभर का प्रतिनिधित्व करने वाले इस प्रतिनिधिमंडल में मध्यप्रदेश से भी एक भी व्यक्ति नहीं है। लगता है जैसे यह राज्य इस लायक ही नहीं समझा गया।
उनकी यह प्रतिक्रिया उस समय आई, जब केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के नामों की सूची जारी की, जिसे सात समूहों में बांटा गया है। यह प्रतिनिधिमंडल भारत के प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेगा ताकि पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को दिए जा रहे समर्थन को उजागर किया जा सके और वैश्विक मंच पर भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को मजबूती से पेश किया जा सके।