Jul 09 2025 / 9:28 AM

“अहिल्या बाई की प्रेरणा से गढ़ा जा रहा है नया भारत: नरेंद्र मोदी”

“भोपाल से पीएम मोदी का संदेश – देवी अहिल्या हैं हमारी प्रेरणा”

भोपाल – मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल शनिवार को एक ऐतिहासिक दृश्य का गवाह बनी जब लाखों महिलाएं सिंदूरी परिधान में देवी अहिल्या बाई होलकर की 300वीं जयंती मनाने एकत्रित हुईं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला सशक्तिकरण को केंद्र में रखते हुए देवी अहिल्या को श्रद्धांजलि दी और उनके विचारों को आज की शासन प्रणाली से जोड़ा।

अहिल्या बाई: संकल्प की मूर्ति

प्रधानमंत्री मोदी ने देवी अहिल्या को “दृढ़ इच्छाशक्ति की प्रतिमूर्ति” बताया और कहा कि उनके कार्यों को शब्दों में समेट पाना कठिन है। उन्होंने कहा कि “जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा था, तब देवी अहिल्या ने ऐसे कार्य किए जो आज भी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते हैं।”

सेवा का एक ही उद्देश्य: प्रभु और प्रजा

प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि अहिल्या बाई के लिए जन सेवा और प्रभु सेवा में कोई भेद नहीं था। शिवलिंग सदैव उनके साथ रहता था और उन्होंने अपने जीवन को भारत की सांस्कृतिक धरोहर को बचाने में समर्पित कर दिया। सोमनाथ, रामेश्वर और काशी विश्वनाथ जैसे मंदिरों का संरक्षण उनकी विरासत का हिस्सा है।

गवर्नेंस का प्राचीन लेकिन प्रासंगिक मॉडल

मोदी ने देवी अहिल्या के शासन मॉडल की सराहना करते हुए कहा कि वह शासन को जनकल्याण का माध्यम मानती थीं। जल संरक्षण, कुटीर उद्योग, हस्तशिल्प, आदिवासी और घुमंतू समाज के लिए उनकी योजनाएं आज भी अनुकरणीय हैं। “250 साल पहले जो उन्होंने जल बचाने का संदेश दिया था, आज वह जल शक्ति अभियान की प्रेरणा है,” मोदी ने कहा।

महेश्वरी साड़ी से बुनकरों का उत्थान

देवी अहिल्या के सामाजिक सुधारों की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि उन्होंने जूनागढ़ से बुनकर परिवारों को महेश्वर लाकर महेश्वरी साड़ी की परंपरा को आगे बढ़ाया। इससे न केवल सांस्कृतिक पहचान मिली बल्कि बुनकरों की आजीविका भी सुरक्षित हुई।

नारी शक्ति की अग्रद्रष्टा

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देवी अहिल्या ने उस युग में महिलाओं की शिक्षा, विवाह की उम्र और सुरक्षा पर विचार किए जब यह कल्पना से भी परे था। उन्होंने मालवा की सेना में महिलाओं की टुकड़ी बनाई और गांवों में नारी सुरक्षा समितियां गठित कीं। यह दर्शाता है कि वह महिला सशक्तिकरण की एक सशक्त मिसाल थीं।

आज की सरकार में झलकता है अहिल्या का दृष्टिकोण

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार देवी अहिल्या के उस सूत्र वाक्य पर चल रही है – “जनता से मिला हर दायित्व ऋण है।” सरकार की योजनाएं जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, नल जल मिशन, आयुष्मान भारत, मुद्रा योजना, और लखपति दीदी अभियान महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रहे हैं।

राष्ट्रनिर्माण में महिला योगदान को मिला नया आयाम

मोदी ने बताया कि 2014 से पहले 30 करोड़ महिलाओं के पास बैंक अकाउंट नहीं था, लेकिन आज वे आर्थिक निर्णयों में भागीदार हैं। 10 करोड़ महिलाएं सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ चुकी हैं, जिनमें से लाखों ‘लखपति दीदी’ बनकर दूसरे परिवारों के लिए प्रेरणा बन रही हैं।

‘देवी अहिल्या की प्रेरणा अटूट है’

अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “रानी लक्ष्मीबाई, सावित्रीबाई फुले और रानी कमलापति जैसे नारी शक्ति के प्रतीक हमें गर्व से भरते हैं, लेकिन देवी अहिल्या बाई होलकर की 300वीं जयंती हमें यह याद दिलाती रहे कि सशक्त भारत की नींव नारी शक्ति के हाथों से ही मजबूत होती है।”

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