Jul 06 2025 / 11:11 AM

RCB की जीत का जश्न बना मातम: भगदड़ में 11 की मौत, CM-Dy CM पर केस की मांग, BJP ने मांगा इस्तीफा

बेंगलुरु में IPL की पहली जीत का जश्न रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और उसके प्रशंसकों के लिए गमगीन पल में बदल गया। बुधवार को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुए हादसे में भगदड़ मचने से 11 लोगों की जान चली गई और 33 अन्य घायल हो गए। हादसे के बाद राज्य की राजनीति गरमा गई है और विपक्षी भाजपा ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के इस्तीफे की मांग की है।

सामाजिक कार्यकर्ता ने CM और डिप्टी CM के खिलाफ की शिकायत

सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने कब्बन पार्क थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए सरकार और क्रिकेट बोर्ड के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने आईपीसी की धारा 106 के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।

चश्मदीदों की कहानी:

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जो गिरा, वह उठ नहीं सका। एंबुलेंस देर से पहुंची, लोग सड़कों पर घायलों को CPR देते नजर आए। डॉक्टरों के अनुसार, मृतकों में 5 महिलाएं और 6 पुरुष शामिल हैं, जिनकी उम्र 13 से 33 साल के बीच है।

हादसे के पीछे की 4 बड़ी वजहें:

  1. फ्री पास का झांसा, वेबसाइट क्रैश: फ्री एंट्री पास RCB की वेबसाइट से मिलने थे, लेकिन भारी ट्रैफिक के कारण साइट क्रैश हो गई। पास न मिलने पर हजारों लोग बिना पास के ही पहुंच गए।
  2. गेट तोड़ने की कोशिश, पुलिस की लाठीचार्ज: गेट नंबर 10, 12 और 13 पर भीड़ ने जबरन घुसने की कोशिश की, पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
  3. नाले पर रखा स्लैब गिरा, और मची भगदड़: लाठीचार्ज के दौरान नाले के ऊपर रखा स्लैब भीड़ के दबाव से ढह गया, जिससे अफरातफरी मच गई।
  4. भीड़ पर काबू न पा सकी पुलिस: सरकार के मुताबिक 5,000 पुलिसकर्मी तैनात थे, लेकिन भीड़ बहुत अधिक थी और अधिकतर जवान 36 घंटे से लगातार ड्यूटी पर थे।

सरकार का बयान और विपक्ष का हमला

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा, “मैं इस घटना का बचाव नहीं कर रहा। देश में पहले भी कुंभ जैसे आयोजनों में हादसे हुए हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम जिम्मेदारी से भागें।”
भाजपा ने इस बयान को गैरजिम्मेदाराना करार देते हुए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की है।


नोट: यह घटना एक बार फिर से बड़े आयोजनों में सुरक्षा प्रबंधन पर सवाल खड़े करती है। जिम्मेदारी तय करना और सुधार लाना अब सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।

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