Apr 20 2025 / 3:37 PM

बल्लेबाज वसीम जाफर ने क्रिकेट से लिया संन्यास

मुंबई। घरेलू क्रिकेट के बेताज बादशाह और रणजी ट्रॉफी के लीजेंड कहे जाने वाले मुंबई के 42 वर्षीय बल्लेबाज वसीम जाफर ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों को शनिवार को अलविदा कह दिया। जाफर ने साल 2000 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था। उन्होंने अपना पहला वनडे मैच भी 2006 में इसी टीम के खिलाफ खेला था।

उन्होंने टेस्ट मैचों की 58 पारियों में पांच शतकों और 11 अर्धशतकों की मदद से कुल 1944 रन बनाए हैं। इसके अलावा वनडे की दो पारियों में उन्होंने महज 10 रन बनाए। जाफर पिछले 11 साल से भारत के लिए कोई मैच नहीं खेले। भारत की तरफ से 42 वर्षीय जाफर ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच अप्रैल, 2008 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था।

जाफर ने बयान में कहा, सबसे पहले मैं अल्लाह का शुक्रिया अदा करना चाहूंगा जिसने मुझे इस शानदार खेल को खेलने के लिये प्रतिभा बख्शी। मैं अपने परिजनों, मेरे माता पिता और भाइयों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं जिन्होंने मुझे इस खेल को पेशे के तौर पर अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।

मैं अपनी पत्नी का आभार व्यक्त करना चाहता हूं जिसने मेरा प्यारा घर बसाने और मेरे और बच्चों के लिए इंग्लैंड की आरामदायक जिंदगी छोड़ दी। उन्होंने कहा, ‘मेरे सभी प्रशिक्षकों का विशेष आभार। चयनकर्ताओं का तहेदिल से आभार जिन्होंने मुझ पर भरोसा जताया।

वसीम जाफर को भले ही अंतरराष्ट्रीय मैचों ज्यादा अवसर न मिले हों लेकिन उन्हें घरेलू में अपनी चमक बखूबी बिखेरी। उन्हें घरेलू क्रिकेट का सचिन भी कहा जाता था। जाफर ने घरेलू स्तर पर रनों का अंबार लगाया खड़ा कर दिया। साल 1996-97 में उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया और फिर लगातार घरेलू क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ी। जाफर ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 260 मैच खेले और 19410 रन बनाए।

इस दौरान उन्होंने 57 शतक और 91 अर्धशतक जमाए। वहीं, उन्होंने 150 रणजी मैच खेले और 12 हजार से अधिक रन बनाए। वह रणजी ट्रॉफी में 12 हजार रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज हैं। उन्होंने अपने करियर में अधिकतर समय मुंबई का प्रतिनिधित्व किया। बाद के दिनों में वह विदर्भ से खेलने लगे थे। वह रणजी ट्राफी में 150 मैच खेलने वाले पहले बल्लेबाज हैं।

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