फ्लोर टेस्ट पर कमलनाथ सरकार को राज्यपाल का दूसरी बार आदेश

भोपाल। मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार के फ्लोर टेस्ट को लेकर सत्ता पक्ष और राज्यपाल के बीच खींचतान जारी है। मध्य प्रदेश के राज्यपाल ने 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था, लेकिन विधानसभा स्पीकर एनपी प्रजापति ने सोमवार को कोरोना वायरस से खतरे की बात कहते हुए सदन की कार्यवाही 26 मार्च तक स्थगित कर दी। सरकार के इस फैसले से राज्यपाल लालजी टंडन नाराज बताए जा रहे हैं।
राज्यपाल लालजी टंडन ने दोबारा मुख्यमंत्री कमलनाथ को चिट्ठी लिखी है। इसमें सरकार को कल फ्लोर टेस्ट कराने और बहुतम साबित करने के लिए कहा गया है। राज्यपाल ने कहा है कि अन्यथा यह माना जाएगा कि वास्तव में आपको विधानसभा में बहुमत प्राप्त नहीं है। इससे पहले राज्यपाल ने 14 मार्च को कमलनाथ से कहा था कि वे 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट कराएं।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस सरकार पर यह आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार अल्पमत में है, वह अपना बहुमत खो चुकी है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस को सरकार में रहने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने सरकार को आदेश दिया था कि वो आज ही उनके अभिभाषण के बाद ‘फ्लोर टेस्ट’ कराए, लेकिन सरकार इससे बच रही हैं। उन्होंने कहा कि बहुमत होता तो सरकार को कोई दिक्कत नहीं होती।
उन्होंने कहा कि सदन की जो ‘एफेक्टिव’ संख्या है, उसे ध्यान में रखते हुए कांग्रेस के पास केवल 92 विधायक बचे हैं। यह बिलकुल स्पष्ट है कि बहुमत अब भाजपा के पास है। उन्होंने कहा कि अल्पमत की सरकार अब कोई निर्णय नहीं ले सकती। आज राज्यपाल ने हमें आश्वस्त किया है कि हमारे साथ ही सभी विधायकों के और प्रदेश की जनता के संवैधानिक अधिकारों की वे रक्षा करेंगे। चौहान ने कहा कि इसे लेकर हम देश की सर्वोच्च अदालत भी पहुंचे हैं।