Sep 04 2025 / 4:50 PM

“32 महीने बाद मिला इंसाफ, मगर अधूरा! अंकिता केस में उम्रकैद हुई परिजन बोले – ‘फुल स्टॉप नहीं, सिर्फ कॉमा है ये'”

कोटद्वार से रिपोर्ट:
उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड पर आखिरकार 32 महीने बाद अदालत का फैसला आ ही गया, लेकिन इस फैसले से अंकिता के माता-पिता को सुकून नहीं मिला। कोर्ट ने तीनों आरोपियों – रिज़ॉर्ट मालिक पुलकित आर्य, कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता – को उम्रकैद और 50-50 हजार जुर्माना तो सुनाया, लेकिन परिजन अब भी फांसी की सजा की मांग पर अड़े हैं।


कोर्ट में भीड़ का हाई वोल्टेज ड्रामा, पुलिस बनी ढाल

जैसे ही फैसले का दिन आया, कोर्ट परिसर के बाहर फिल्मी सीन जैसा माहौल बन गया। लोगों ने बैरिकेडिंग तोड़ी, पुलिस ने मोर्चा संभाला, और कोर्ट परिसर बना मिनी छावनी। पूरे फैसले पर राज्य भर की निगाहें टिकी रहीं।


फैसले से पहले का सस्पेंस और केस की क्रॉनोलॉजी

एक नजर में समझें ‘अंकिता हत्याकांड का ट्रेलर टू क्लाइमैक्स’
🎬 18 सितंबर 2022: अंकिता की हत्या, चीला नहर में फेंका गया
🎬 20 सितंबर: पुलकित ने ‘गुमशुदगी’ का नाटक किया
🎬 24 सितंबर: शव बरामद, पोस्टमार्टम और प्रदर्शन
🎬 एसआईटी जांच: 500 पन्नों की चार्जशीट, 47 गवाह
🎬 30 मई 2025: उम्रकैद का ऐलान, परिजन बोले– “ये तो ट्रेलर था, हम फाइनल जजमेंट चाहते हैं!”


“ये कोई फिल्म नहीं, हमारी जिंदगी का दर्द है” – अंकिता की मां

फैसले के बाद अंकिता की मां का बयान सबको भावुक कर गया:
“हमारी बेटी को जिंदा जला दिया गया सपनों समेत। उम्रकैद हमारे लिए न्याय नहीं, हम तो फांसी चाहते हैं।”

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