अयोध्या के ऐतिहासिक फैसले के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने किया देश को संबोधित

नई दिल्ली। अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा, साथियों मैं आज दिभर पंजाब में था दिल्ली पहुंचने के बाद मेरा मन करता था कि आप से संवाद करूं आज सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसे महत्वपूर्ण मामले पर फैसला सुनाया है जिसके पीछे सेकड़ो वर्षों का एक दीर्घ कालीन इतिहास है।
पूरे देश की इच्छा थी कि इस मामले की अदालत में हर रोज सुनवाई हो। जो हुई। और आज निर्णय आ चुका है, न्याय प्रक्रिया और उसकी प्रक्रिया का समापन हुआ है। साथियों पूरी दुनिया यह तो मानती है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। आज दुनिया ने यह भी जान लिया है कि भारत का लोकतंत्र कितना जीवंत है और कितना मजबूत है।
फैसला आने के बाद जिस प्रकार हर वर्ग ने हर समुदाय ने हर पंथ के लोगों ने पूरे देश ने खुले दिल से स्वीकार किया है वह भारत की पुरातन संस्कृति परम्परा को आत्मसात करता है।
गर्व से उल्लेख करते हैं कि विविधता में एकता है आज का मूल मंत्र यही है। अपनी पूर्णता के साथ खिला हुआ नजर आता है यह निर्णय। गर्व होता है हजारों साल बाद भी इसी को आत्मसात किये हुए है हम की विविधता में एकता। यह घटना इतिहास के पन्नों से उठाई हुई नहीं है।
सवा सौ करोड़ देशवासी खुद आज एक नया इतिहास रच रहे हैं। स्वर्णिम इतिहास में नया पृष्ठ जोड़ रहे हैं। साथियों भारत की न्यायपालिका के इतिहास में भी आज का दिन स्वर्णिम अध्याय की तरह है इस विषय पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आराम से सबको सुना।
देश के लिए खुशी की बात है कि फैसला सर्वसम्मति से आया। एक नागरिक के नाते हम सब जानते हैं की परिवार में भी छोटा मसला हो तो सुलझाने में कितनी दिक्कत होती है। यह कार्य सरल नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने न्याय शक्ति के दर्शन कराएं और इसलिए देश के न्यायाधीश, न्यायालय और हमारी न्यायिक प्रणाली आज विशेष रूप से अभिनंदन के अधिकारी है। साथियों आज 9 नवंबर है 9 नवंबर ही वो तारीख थी जब बर्लिन की दीवार गिरी थी।
दो विपरीत धाराओ ने एकजुट होकर नया संकल्प लिया था। ये नया सवेरा है। आज आज 9 नवंबर को करतारपुर साहिब कॉरिडोर की शुरुआत हुई है। इसमें भारत का भी सहयोग रहा है। पाकिस्तान का भी। आज अयोध्या पर फैसले के साथ ही 9 नवंबर की ये तारीख हमें साथ रहकर आगे बढ़ने की भी सिख दे रही है।
आज के दिन का संदेश जोड़ने का है। जुड़ने का है और मिलकर जीने का है। इस विषय को इन सारी बातों को लेकर कहीं भी कभी भी किसी के मन में कोई कटुता रही हो तो आज उसे तिलांजलि देने का भी दिन है। नए भारत मे भय कटुता नकारात्मकता का कोई स्थान नहीं होना चाहिए।
साथियों सर्वोच्च न्यायालय के आज के फैसले ने देश को यह संदेश भी दिया है कि कठिन से कठिन मसले का हल संविधान के दायरे में ही आता है। कानून के दायरे में ही आता है।
हमें इस फैसले से सीख लेनी चाहिए की भले कुछ समय लगे मगर धेर्य बना कर रखना ही चाहिए। हर परिस्थिति में भारत के संविधान, भारत की न्यायिक प्रणाली, ओर हमारी महान परंपरा हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
साथियों सर्वोच्च अदालत का फैसला हमारे लिए एक नया सवेरा लेकर आया है। इस विवाद का भले ही कई पीढ़ियों पर असर पड़ा है। लेकिन इस फैसले के बाद हमे सकल्प करना होगा कि नई पीढ़ी अब नए सिरे से न्यु इंडिया के निर्माण में जुटेगी।
एक नई शुरुआत करते हैं। अब नए भारत का निर्माण करते हैं हमें अपना विश्वास और विकास इस बात से तय करना है कि मेरे साथ चलने वाला कहीं पीछे तो नहीं छूट गया। सुप्रीम कोर्ट ने श्री राम मंदिर निर्माण का फैसला दे दिया है। अब राष्ट्र के हर नागरिक की जिम्मेदारी और भी बढ़ गई है।
हमें सबको साथ में लेकर बढ़ते ही जाना है। एक नागरिक के तौर पर हम सभी के लिए देश की न्यायिक प्रक्रिया का पालन करना नियम कायदों का सम्मान करना यह दायित्व भी पहले से अधिक बढ़ गया है।
हर भारतीय को अपने कर्तव्य अपने दायित्व को प्राथमिकता देते हुए काम करना है। हमारे लिए भारत का उज्जवल भविष्य बहुत अनिवार्य है। हमारे बीच का सौहार्द, हमारी एकता, हमारी शांति, हमारा सद्भाव, हमारा स्नेह देश के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हमें भविष्य की ओर देखना है।
भविष्य के भारत के लिए काम करते रहना है। भारत के सामने चुनौतियां और भी है। और भी हैं मंजिलें,। हर भारतीय साथ मिलकर ही इन लक्ष्यों को प्राप्त करेगा। मंजिलों तक पहुंचेगा। मैं फिर एक बार आज 9 नवंबर के महत्वपूर्ण दिन को याद करते हुए आगे बढ़ने का संकल्प लेते हुए आप सबको आने वाले त्योहारों की बधाई देता हूं।