छतीसगढ़: कांग्रेस सरकार EVM की बजाय बैलेट से कराएगी निकाय चुनाव

रायपुर। छत्तीसगढ़ में ईवीएम से हुए विधानसभा चुनाव में बंपर जीत हासिल करने के बावजूद कांग्रेस का शक अब तक ईवीएम से दूर नहीं हुआ है। आगामी निकाय चुनाव में ईवीएम में गड़बड़ी का डर सत्ता पक्ष को सता रहा है। इसलिए सब कैबिनेट ने बैलट पेपर से चुनाव कराने का फैसला लिया है। यानी कि अब सूबे में होने वाले 151 नगरीय निकायों के चुनाव बैलेट पेपर से होंगे।
इसमें अब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का इस्तेमाल नहीं होगा। साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ समेत तीन राज्यों में जीत के बाद भी ईवीएम पर से कांग्रेस का शक दूर नहीं हुआ है। बीजेपी का आरोप है कि नगरीय निकाय में हार के डर से कांग्रेस ने बैलेट पेपर से चुनाव करने का फैसला लिया है। प्रदेश के गृहमंत्री कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ताम्रध्वज साहू इस फैसले की वजह लोकसभा चुनाव में हुई हार में बड़े अंतर को बता रहे हैं।
ताम्रध्वज साहू का कहना है कि लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ की जनता कांग्रेस के पक्ष में थी। इसके बाद भी बड़े अंतर से कांग्रेस प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा। इससे साफ है कि ईवीएम में कोई न कोई गड़बड़ी थी। बैलेट पेपर से चुनाव कराने में परेशानी क्या है।
बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस अपने कार्यकाल से डरी हुई है। इसलिए ईवीएम को छोड़ बैलेट से चुनाव कराने की तैयारी कर रही है। जिसका विरोध बीजेपी ने शुरू कर दिया है। बीजेपी प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास का कहना है कि कांग्रेस ने अपने 10 महीने के कार्यकाल में ही जनता को त्रस्त कर दिया है। प्रदेश की जनता परेशान है। इसलिए महापौर और अध्यक्ष का चुनाव पार्षदों द्वारा कराने का निर्णय लिया गया है। इतना ही नहीं ईवीएम की बजाय बैलेट से भी इसिलिए चुनाव कराया जा रहा है। ताकि गड़बड़ी की जा सके।