बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटा चुनाव आयोग, जून में करेगी समीक्षा यात्रा

बिहार में विधानसभा चुनाव की आहट तेज़ हो गई है और चुनाव आयोग सक्रिय रूप से तैयारियों में जुट गया है। राज्य विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है और उससे पहले चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने की दिशा में आयोग ने काम तेज कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग की एक टीम जून में बिहार का दौरा करेगी ताकि जमीनी हालात का मूल्यांकन किया जा सके।
मतदाता सूची पर खास ध्यान, बीएलओ को मिलेंगे पहचान पत्र
चुनाव आयोग इस बार मतदाता सूची की पारदर्शिता को लेकर कोई समझौता नहीं करना चाहता। इसी दिशा में हर बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) को विशेष पहचान पत्र दिए जा रहे हैं ताकि वे घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन कर सकें। 18 वर्ष से अधिक आयु के नए मतदाताओं को सूची में शामिल करने के लिए राज्य में विशेष अभियान चलाया जाएगा।
इंटीग्रेटेड डैशबोर्ड से एक प्लेटफॉर्म पर मिलेगी सारी जानकारी
आयोग एक इंटीग्रेटेड डैशबोर्ड की शुरुआत करने जा रहा है, जो मतदाताओं और चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी सभी प्रमुख जानकारी एक ही मंच पर उपलब्ध कराएगा। यह प्रणाली मतदाताओं, राजनीतिक दलों और चुनाव अधिकारियों के लिए काफी उपयोगी सिद्ध होगी।
दो से तीन चरणों में हो सकते हैं चुनाव, त्योहारों का रहेगा ध्यान
संभावना जताई जा रही है कि बिहार विधानसभा चुनाव इस बार दो से तीन चरणों में कराए जा सकते हैं। मतदान की तारीखें तय करते समय दिवाली और छठ जैसे प्रमुख त्योहारों का विशेष ध्यान रखा जाएगा, ताकि मतदाताओं की भागीदारी में कोई बाधा न आए।
बीते वर्षों की तुलना
2015 में जहां चुनाव पांच चरणों में हुआ था, वहीं 2020 में इसे तीन चरणों में संपन्न कराया गया। 2020 के चुनाव में पहले चरण में 71, दूसरे में 94 और तीसरे चरण में 78 सीटों पर मतदान हुआ था। मतगणना 10 नवंबर को हुई थी।
पारदर्शिता के लिए तकनीकी कदम
चुनाव आयोग ने मतदाता सूची में पारदर्शिता लाने के लिए कई नए उपाय किए हैं। अब डुप्लीकेट EPIC नंबर जारी नहीं होंगे और मृतकों के नाम सूची से हटाने के लिए रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया के साथ डेटा साझा किया गया है।
आयोग के अनुसार, जनवरी 2025 में जारी मतदाता सूचियों पर अब तक कोई औपचारिक आपत्ति दर्ज नहीं हुई है। इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि दिल्ली, हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में उठे विवाद बिहार में न दोहराए जाएं।
मतदान केंद्रों में सुधार और नई सुविधाएं
इस बार एक पोलिंग स्टेशन पर अधिकतम 1200 मतदाता ही रखे जाएंगे, जिससे भीड़ कम हो सके। घनी आबादी वाले क्षेत्रों में अतिरिक्त मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी मतदाता को मतदान केंद्र तक पहुँचने के लिए दो किलोमीटर से अधिक की दूरी न तय करनी पड़े।
हाईराइज बिल्डिंगों में भी पोलिंग बूथ की व्यवस्था होगी और मोबाइल फोन रखने के लिए सुरक्षित स्थान मतदान केंद्रों के बाहर दिए जाएंगे। साथ ही, वोटर स्लिप में पार्ट और सीरियल नंबर बड़े और स्पष्ट अक्षरों में अंकित होंगे ताकि मतदाताओं को बूथ पर सुविधा हो।
एआई से जुड़े प्रचार की निगरानी
चुनाव आयोग इस बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित प्रचार सामग्री पर भी पैनी नजर रखेगा। आयोग जल्द ही एक विशेष सेल का गठन करेगा, जो एआई के ज़रिए फैलाई जा रही जानकारियों की निगरानी करेगा। राजनीतिक दलों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी भी एआई आधारित सामग्री पर यह स्पष्ट करें कि वह AI-जनित है।