भारत के टॉप-5 डिफेंस स्टार्टअप, दुश्मनों के लिए बन रहे हैं काल

भारत वर्ष 2019 से 2023 के बीच दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश बना रहा, जो वैश्विक रक्षा आयात का लगभग 9.8% हिस्सा है। यह अत्यधिक आयात-निर्भरता देश की रणनीतिक कमजोरी मानी जाती है, लेकिन अब भारतीय स्टार्टअप्स इस अंतर को पाटने के लिए आगे आ रहे हैं तो आइए समझते हैं कि क्या रक्षा क्षेत्र में भी ‘मेक इन इंडिया’ का दबदबा रहेगा?
रक्षा में आत्मनिर्भरता की ओर भारत
सरकार की iDEX (इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सिलेंस) और TDF (टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड) जैसी योजनाएं रक्षा स्टार्टअप्स को अनुदान और साझेदारी के अवसर प्रदान कर रही हैं। साथ ही, FDI में ढील, स्थानीय कंपनियों को प्राथमिकताऔर बढ़ते रक्षा बजट ने देसी कंपनियों और विदेशी साझेदारों के बीच तालमेल को मजबूत किया है। नतीजा यह है कि भारत में रक्षा तकनीक स्टार्टअप्स स्थानीय मांग को पूरा करने के लिए आधुनिक तकनीकें विकसित कर रहे हैं, जिनमें AI, ड्रोन टेक्नोलॉजी, और एडवांस्ड सर्विलांस शामिल हैं। आइए देश के कुछ प्रमुख डिफेंस टेक स्टार्टअप्स के बारे में जानते हैं जो दुश्मन के लिए किसी काल से कम नहीं हैं।
Garuda Aerospace
स्थापना: 2015
संस्थापक: अग्निश्वर जयप्रकाश
मुख्यालय: चेन्नई
यह स्टार्टअप मल्टी-पर्पस ड्रोन सॉल्यूशंस बनाता है, जिनका उपयोग निगरानी और बॉर्डर सिक्योरिटी में होता है। 22 मिलियन डॉलर की सीरीज A फंडिंग फरवरी 2023 में मिली। यह कंपनी किसानों के लिए भी ड्रोन बनाती है। अक्तूबर 2023 में इसे अतिरिक्त 25 करोड़ रुपये की ब्रिज फंडिंग हासिल की। कंपनी की योजना जल्द ही 50 देशों में विस्तार की है। पिछले साल ही कंपनी ने बॉर्डर पेट्रोल सर्विलांस ड्रोन ‘त्रिशूल’ को लॉन्च किया है। त्रिशूल का इस्तेमाल प्राकृतिक आपदाओंऔर आपात स्थितियों के समय या संदिग्ध गतिविधियों के दौरान रियल-टाइम इमेजेज और वीडियो प्राप्त करने के लिए भी किया जा सकता है।
ideaForge
स्थापना: 2007
संस्थापक: अंकित मेहता, आशीष भट, राहुल सिंह, विपुल जोशी
मुख्यालय: मुंबई
यह UAV तकनीक में अग्रणी है और भारतीय सेना व अर्धसैनिक बलों को टैक्टिकल ड्रोन उपलब्ध कराता है। सितंबर 2024 तिमाही में 13.7 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया गया, हालांकि रेवेन्यू साल-दर-साल 56.52% बढ़कर 37.1 करोड़ रुपये हुआ। अभी हाल ही में भारत पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष के दौरान इस कंपनी के शेयर की कीमतों में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला। महज पांच दिन में कंपनी के शेयर में 25.71% की तेजी आई है।
Sagar Defence Engineering
स्थापना: 2015
संस्थापक: निकुंज पाराशर
मुख्यालय: मुंबई
यह कंपनी नेवल डिफेंस के लिए Unmanned Surface और Underwater Vehicles बनाती है। DRDO के साथ मिलकर भारत का पहला अंडरवॉटर लॉन्च्ड UAV विकसित किया है। हाल ही में बोइंग की सहायक कंपनी लिक्विड रोबोटिक्स और सागर डिफेंस इंजीनियरिंग के बीच ऑटोनोमस सरफेस वेसल्स (ASVs) के लिए एक MoU पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस साझेदारी का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री क्षेत्र की निगरानी को बढ़ाना और रखरखाव क्षमताओं को स्थापित करना है।
Flying Wedge
स्थापना: 2022
संस्थापक: सुहास तेजस्कंद
मुख्यालय: बेंगलूरू
यह स्टार्टअप प्रिसिशन-गाइडेड वेपन और ऑटोनॉमस डिफेंस सिस्टम्स पर काम करता है। यह DGCA से UAV टेक्नोलॉजी में सर्टिफिकेशन पाने वाली पहली निजी कंपनी है। इसके ड्रोन रक्षा और कृषि दोनों क्षेत्रों में उपयोगी हैं। पिछले साल कंपनी ने भारत के पहले स्वदेशी बमवर्षक मानवरहित विमान FWD-200B को लॉन्च किया है जिसकी कीमत 25 करोड़ रुपये है।
EyeROV
स्थापना: 2016
संस्थापक: जॉन्स टी. माथाई, कन्नप्पा पलनीअप्पन
मुख्यालय: कोच्चि
यह स्टार्टअप समुद्री निरीक्षण के लिए अंडरवॉटर ड्रोन (ROVs) बनाता है। DRDO और भारतीय तटरक्षक बल इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। अगस्त 2024 में 10 करोड़ रुपये की प्री-सीरीज A फंडिंग प्राप्त की। अब यह वैश्विक विस्तार की योजना बना रहा है।