Apr 20 2025 / 4:26 PM

नीतीश कटारा हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने की विकास यादव की पैरोल याचिका खारिज

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश कटारा हत्याकांड में 17 साल से जेल में बंद विकास यादव पैरोल याचिका खारिज कर दी। विकास यादव ने जेल से चार हफ्ते की छुट्टी के लिए अर्जी लगाई थी। वह सपा के पूर्व सांसद डीपी यादव का बेटा है। इस पर सोमवार को सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि अदालत ने तुम्हें 25 साल की सजा सुनाई गई है, इसे पूरा करो। बिजनेस एक्जीक्यूटिव नीतीश की 2002 में हत्या कर दी गई थी। उसका शव गाजियाबाद के पास मिला था।

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष यादव की ओर से पेश वकील ने कहा कि उसका मुवक्किल साढ़े सत्रह साल से सलाखों के पीछे है और उसकी पैरोल को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है। यादव ने अपने पैरोल पर दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में एक विशेष अवकाश याचिका (पैरोल) दायर की थी।

अदालत ने पूछा, आप पैरोल में क्यों जाना चाहते हैं? हमें बताएं। यादव ने जवाब में कहा, पैरोल मौलिक अधिकार है और मैं पहले ही काफी लंबे समय तक जेल में रह चुका हूं। शीर्ष अदालत ने अन्य मामलों में यादव की सजा के बारे में पूछताछ की। उसके वकील ने बताया कि वह सबूत नष्ट करने के लिए जेसिका लाल हत्या मामले में भी शामिल था, और वह पहले ही अपराध के लिए चार साल की जेल काट चुका हैं। यादव के वकील ने दोहराया कि शीर्ष अदालत को उन्हें पैरोल देनी चाहिए। मुख्य न्यायाधीश ने याचिका को खारिज करते हुए कहा, 25 साल की अपनी सजा पूरी करें।

Share With

मध्यप्रदेश