Apr 12 2025 / 11:36 AM

कोरोना से जंग: अमेरिका ने भारत से मांगी मदद

वॉशिंगटन। कोरोनावायरस से लड़ने में अमेरिका ने भारत की तरफ रुख किया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार शाम को फोन पर प्रधानमंत्री मोदी से बात की। इस बातचीत में पीएम मोदी से ट्रंप ने कोरोना के मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन टैबलेट की खेप को जारी रखने का आग्रह किया।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, मैंने फोन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बात की है। उनसे हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवा की खेप भेजने गुजारिश की है, ताकि हम कोविड-19 संक्रमितों का बेहतर इलाज कर सकें। वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोनावायरस के इलाज में मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन सबसे बेहतर है।

ट्रम्प ने बिना हिचकिचाए यह भी कहा, मैं भी दवा खाऊंगा और इसके लिए अपने डॉक्टर से भी बात करूंगा। भारत काफी मात्रा में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन बनाता है। उन्हें अपने अरबों लोगों के लिए काफी भंडार की जरूरत होगी। मलेरिया के इलाज में आने वाली यह दवा कोविड-19 को ठीक करने में भी कारगर साबित होगी। मुझे यह कहने में कोई गुरेज नहीं कि अगर भारत हमें दवा की खेप भेजेगा तो मैं आभारी रहूंगा।

इससे पहले पीएम मोदी ने शनिवार को खुद ही अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ हुई बाचतीत की जानकारी दी थी। पीएम ने ट्रंप से हुई चर्चा की जानकारी देते हए ट्वीट किया था, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से टेलिफोन पर विस्तार से चर्चा हुई। हमारी चर्चा अच्छी रही और हम कोरोना वायरस के खिलाफ भारत-अमेरिका साझीदारी की पूर्ण ताकत का इस्तेमाल करने पर सहमत हुए। भारत सरकार ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवा के निर्यात और उसके फॉर्मूले को किसी अन्य देश को दिए जाने को फिलहाल रोक रखा है।

बता दें कि अमेरिका गंभीर रूप से कोरोना की महामारी से जूझ रहा है। अब तक उसके 3,01,902 नागरिक इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। वहीं, 8,175 लोगों की कोरोना वायरस से मौत हो चुकी है। पिथले 24 घंटे में ही अमेरिका में कोरोना के कम से कम 23,949 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 1,023 लोगों की मौत की खबर है।

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