पानी में पैदा हुई बच्ची तो लोग मान बैठते हैं ‘चुड़ैल प्रथा’!

समाज की अजीब सोच पर कल्कि का दो टूक जवाब
कल्कि केकलां का प्रकृति से बचपन से ही जुड़ाव रहा। वह पांडिचेरी में पैदा हुईं और प्रकृति की गोद में पलीं। इसलिए जब वह प्रेगनेंट हुईं तो उन्होंने बच्चे को पानी में जन्म देने का फैसला किया, जिसे ‘वॉटर बर्थ’ तकनीक कहते हैं। इसमें प्रेगनेंट महिला को गुनगुने पानी के पूल में रखा जाता है और उसमें डिलीवरी करवाई जाती है। इसमें ज्यादा दर्द नहीं होता। कल्कि केकलां ने एक इंटरव्यू में बेटी सप्पो को पानी में जन्म देने के बारे में बात की और बताया कि इस प्रक्रिया को सामान्य नहीं माना गया।
कल्कि केकलां ने Aleena Dissects को दिए इंटरव्यू में वॉटर बर्थ का अपना एक्सपीरियंस शेयर किया। कल्कि ने कहा कि कुछ लोगों को पानी में बच्चा पैदा करने की तकनीक अजीब या फिर एक ‘चुड़ैल प्रथा’ लग सकती है। इसे वजह से वो डिलीवरी के लिए वॉटर बर्थ तकनीक को चुनने से परहेज करते हैं।
पानी में बच्ची पैदा करने को लेकर बोलीं कल्कि केकलां
कल्कि केकलां ने कहा, ‘पानी में डिलीवरी बॉडी के लिए बहुत आसान होती, और नैचुरल बर्थ के दौरान यह और भी ज्यादा आसान हो जाती है। इस बारे में बहुत सारी रिसर्च की गई है, और बताया गया है कि वॉटर बर्थ बच्चे और महिला दोनों के लिए अच्छी तकनीक है।’
वॉटर बर्थ को बेबी और मां के लिए बताया आसान
कल्कि ने आगे कहा, ‘इस बात पर बहुत रिसर्च हुई है कि जब बच्चा बाहर आता है तो उसके लिए यह आसान होता है क्योंकि वह पहले से ही एम्नियोटिक फ्लूइड में होता था। इसलिए इससे कोई घबराने वाली बात नहीं। और डिलीवरी के बाद महिला की रिकवरी के लिए भी यह आसान प्रक्रिया है। मुझे लगता है कि यह प्रोटोकॉल होना चाहिए।’
‘महंगी है तकनीक, इसलिए लोग नहीं अपनाते’
जब कल्कि केकलां से पूछा गया कि लोग इस वॉटर बर्थ तकनीक को क्यों नहीं अपनाते, तो वह बोलीं, ‘इसके बारे में सार्वजनिक तौर पर ज्यादा जानकारी नहीं है। मुझे नहीं पता कि लोग इसे क्यों नहीं अपनाते। मुझे लगता है कि यहां यह ज्यादा महंगी है, इसलिए यही एक बड़ी वजह है कि लोग इसे नहीं अपनाते।’